करेंसी मार्केट में वोलैटिलिटी और जेएलआर के थोड़े सस्ते मॉडल्स की बिक्री में बढ़ोतरी का टाटा मोटर्स के जून क्वॉर्टर परफॉर्मेंस पर बुरा असर पड़ा है। हालांकि करेंसी में उतार-चढ़ाव से हुए लॉस को हटा दिया जाए तो कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन मार्केट एनालिस्टों के अनुमान के मुताबिक ही रहा है।
कंपनी ने पिछले शुक्रवार को जून क्वॉर्टर के रिजल्ट का ऐलान किया था। रिजल्ट के तुरंत बाद कंपनी के शेयर में गिरावट आई थी, बाद में वह 2 पर्सेंट चढ़कर बंद हुआ। यूरोप और चीन में कंपनी की गाड़ियों की मांग कैसी रहती है और करेंसी क्या खेल दिखाती है, इसी तय होगा कि आने वाले वक्त में उसका परफॉर्मेंस कैसा होगा। टाटा मोटर्स का शेयर सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 4 पर्सेंट से अधिक मजबूती के साथ 524.70 रुपये पर बंद हुआ।
जून क्वॉर्टर में टाटा मोटर्स का नेट प्रॉफिट 57 पर्सेंट गिरा। करेंसी वोलैटिलिटी के चलते टाटा मोटर्स के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 20.7 करोड़ पौंड की कमी आई। इससे कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन 4.1 पर्सेंट गिरकर 12.3 पर्सेंट रह गया। करेंसी के असर को हटा दिया जाए तो कंपनी का मार्जिन 16.1 पर्सेंट बैठता है।
फॉरेक्स लॉस के चलते टाटा मोटर्स का सेल्स के मुकाबले अदर एक्सपेंडिचर का रेशियो बढ़कर 23.4 पर्सेंट हो गया, जो पिछले कुछ क्वॉर्टर्स से 17-20 पर्सेंट रहा था। जगुआर एक्सई जैसे थोड़े सस्ते प्रॉडक्ट्स की बिक्री बढ़ने से भी कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी पर बुरा असर हुआ। जून क्वॉर्टर में जेएलआर का एवरेज सेलिंग प्राइस 7 पर्सेंट घटकर 40,652 पौंड रह गया।
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