इंफोसिस को फाइनेंशियल ईयर 2017 के गाइडेंस में 1 बार फिर कटौती करनी पड़ सकती है। देश की दूसरी बड़ी आईटी कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का द्वारा यह बात गुरुवार को कही। इससे आईटी इंडस्ट्री के लिए आने वाले मुश्किल वक्त का संकेत मिलता है, जो करीब दो दशकों से देश में जॉब ग्रोथ की इंजन बनी हुई है।
सीईओ सिक्का ने कहा कि सॉफ्टवेयर सर्विसेज की मांग कम हुई है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की यूनियन ऑफ यूरोपियन से बाहर निकलने का बिजनेस पर क्या असर होगा, अब इसकी तस्वीर भी साफ हो रही है। सिक्का ने यह नहीं बताया कि रेवेन्यू ग्रोथ के अनुमान में कटौती कब और कितनी की जाएगी।
इंफोसिस के सीईओ ने दिल्ली में जेपी मॉर्गन इनवेस्टर समिट ने कहा, 'मैं इतना कह सकता हूं कि सितंबर क्वॉर्टर का रिजल्ट जून क्वॉर्टर से अच्छा रहेगा। हालांकि, कुछ रिस्क दिख रहे हैं, जिनकी वजह से गाइडेंस को कम करना पड़ सकता है। सितंबर क्वॉर्टर की शुरुआत से आईटी सर्विसेज की मांग में कमी आई है।' जुलाई में भी कंपनी ने चौंकाते हुए रेवेन्यू गाइडेंस घटाया था। तब इंफोसिस ने कहा था कि उसके कुछ बिजनेस का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है। अब सिक्का ने संकेत दिया है कि आने वाले वक्त में कंपनी की चुनौतियां बढ़ सकती हैं। भारतीय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में 40 लाख एम्प्लोयी काम करते हैं। इंडस्ट्री को कम मांग और बदलती टेक्नोलॉजी के चैलेंज का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पूर्व देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस, कॉग्निजेंट और मझोली कंपनी माइंडट्री भी डिमांड स्लोडाउन की बात कह चुकी हैं। कॉग्निजेंट तो पूर्व ही इस साल दो बार गाइडेंस घटा चुकी है। उसने प्रॉफिट वॉर्निंग भी दी है।
आईटी को ट्रैक करने वाले मुंबई की 1 ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट ने कहा, 'आईटी कंपनियों की हालत बैंकिंग, बीएफएसआई यानी डिवीजन फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस के मुश्किल में होने से खराब थी। हालांकि, अब लगता है कि दूसरे सेगमेंट में भी उन्हें दिक्कत हो रही है।' इंफोसिस ने जुलाई में फाइनेंशियल ईयर 2017 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान घटाकर 10.5-12 पर्सेंट कर दिया गया था। पहले उसने 11.5-13.5 पर्सेंट ग्रोथ का अनुमान लगाया था। उन्होंने कहा कि जब कंपनी ने जुलाई में गाइडेंस काम कर दिया गया था, तब ब्रिटेन के लोगों ने यूरोपियन यूनियन से बाहर होने का फैसला सुना दिया था। हालांकि, गाइडेंस में ब्रेग्जिट के असर को अम्लीट नहीं किया गया था। एनालिस्ट आशंका जता रहे थे कि इंफोसिस साल में दूसरी बार गाइडेंस घटा सकती है क्योंकि अगस्त में स्कॉटलैंड की रॉयल बैंक ने उसके साथ करोड़ों पौंड की डील खत्म कर दी थी। ब्रोकरेज फर्म निर्मल बांग के एनालिस्ट गिरीश पाई ने पिछले महीने 1 नोट में लिखा था, 'इंफोसिस रेवेन्यू गाइडेंस में 1.5-2 पर्सेंट की कटौती कर सकती है।'
सीईओ सिक्का ने कहा कि सॉफ्टवेयर सर्विसेज की मांग कम हुई है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की यूनियन ऑफ यूरोपियन से बाहर निकलने का बिजनेस पर क्या असर होगा, अब इसकी तस्वीर भी साफ हो रही है। सिक्का ने यह नहीं बताया कि रेवेन्यू ग्रोथ के अनुमान में कटौती कब और कितनी की जाएगी।
इंफोसिस के सीईओ ने दिल्ली में जेपी मॉर्गन इनवेस्टर समिट ने कहा, 'मैं इतना कह सकता हूं कि सितंबर क्वॉर्टर का रिजल्ट जून क्वॉर्टर से अच्छा रहेगा। हालांकि, कुछ रिस्क दिख रहे हैं, जिनकी वजह से गाइडेंस को कम करना पड़ सकता है। सितंबर क्वॉर्टर की शुरुआत से आईटी सर्विसेज की मांग में कमी आई है।' जुलाई में भी कंपनी ने चौंकाते हुए रेवेन्यू गाइडेंस घटाया था। तब इंफोसिस ने कहा था कि उसके कुछ बिजनेस का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा है। अब सिक्का ने संकेत दिया है कि आने वाले वक्त में कंपनी की चुनौतियां बढ़ सकती हैं। भारतीय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में 40 लाख एम्प्लोयी काम करते हैं। इंडस्ट्री को कम मांग और बदलती टेक्नोलॉजी के चैलेंज का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पूर्व देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस, कॉग्निजेंट और मझोली कंपनी माइंडट्री भी डिमांड स्लोडाउन की बात कह चुकी हैं। कॉग्निजेंट तो पूर्व ही इस साल दो बार गाइडेंस घटा चुकी है। उसने प्रॉफिट वॉर्निंग भी दी है।
आईटी को ट्रैक करने वाले मुंबई की 1 ब्रोकरेज फर्म के एनालिस्ट ने कहा, 'आईटी कंपनियों की हालत बैंकिंग, बीएफएसआई यानी डिवीजन फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस के मुश्किल में होने से खराब थी। हालांकि, अब लगता है कि दूसरे सेगमेंट में भी उन्हें दिक्कत हो रही है।' इंफोसिस ने जुलाई में फाइनेंशियल ईयर 2017 के लिए रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान घटाकर 10.5-12 पर्सेंट कर दिया गया था। पहले उसने 11.5-13.5 पर्सेंट ग्रोथ का अनुमान लगाया था। उन्होंने कहा कि जब कंपनी ने जुलाई में गाइडेंस काम कर दिया गया था, तब ब्रिटेन के लोगों ने यूरोपियन यूनियन से बाहर होने का फैसला सुना दिया था। हालांकि, गाइडेंस में ब्रेग्जिट के असर को अम्लीट नहीं किया गया था। एनालिस्ट आशंका जता रहे थे कि इंफोसिस साल में दूसरी बार गाइडेंस घटा सकती है क्योंकि अगस्त में स्कॉटलैंड की रॉयल बैंक ने उसके साथ करोड़ों पौंड की डील खत्म कर दी थी। ब्रोकरेज फर्म निर्मल बांग के एनालिस्ट गिरीश पाई ने पिछले महीने 1 नोट में लिखा था, 'इंफोसिस रेवेन्यू गाइडेंस में 1.5-2 पर्सेंट की कटौती कर सकती है।'
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